नमस्कार दोस्तो..
इस बार कॉफी विद कुश में हम लेकर आने वाले है एक ऐसा ब्लॉगर जिनसे पूरा ब्लॉग जगत परेशान है.. जी हा दोस्तो मैं बात कर रहा हू.. समीर जी के शब्दो में 'एक उच्च कोटि के व्यंग्यकार' कलकता निवासी शिव कुमार मिश्रा की..
तो तैयार रहिए पिछले पंद्रह दिनो के प्रयास से चले आ रहे इस इंटरव्यू के लिए.. सोमवार दिनांक 25 अगस्त को आपके अपने ब्लॉग कॉफी विद कुश पर..
और हाँ देर मत करिए जल्द से जल्द लिख भेजिए आपके सवाल जो आप पूछना चाहते है शिव कुमार मिश्रा जी से..
तब तक के लिए आप आनंद लीजिए एक नये कम्यूनिटी ब्लॉग नेस्बी का..
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15 comments:
वाह ! ये हुई न बात. आइये शिव भैया ..... आप को इतना जानने के बाद भी, और जानने-समझने की दिली तमन्ना है. कुश भाई, मैं ज़्यादा posts नहीं पढ़ पाता, सिर्फ़ कुछ कवितायें, कुछ गीत .... लेकिन आप अपनी इस बेहद लोकप्रिय और क़ामयाब श्रृंखला में मेरे चंद मनपसंद boggers ले के आए हैं / ला रहे हैं..... आप का दिल से शुक्रगुजार हूँ....
shiv kumar ji ko maine kafi padha hai.prabhavi likhne wale hain shiv kumar ji. pratiksha rahegi unko jaanne ki. ssneh
शिवकुमार मिश्र जी का स्वागत है।
ब्लॉगजगत में इन दिनों उनकी सज्जनता की चर्चा खूब है। वे खुद से भी अधिक सज्जन किन्हीं को मानते हैं क्या, यदि हां तो किन्हें :)
शिव जी से मेरा सवाल ये कि ----
अब वो सिर्फ ब्लॉग जगत के चर्चों के बारे में ही लिखना क्यों पसंद करते हैं। क्यों सिर्फ कुछ ही ब्लॉगर्स के बारे में लिखते हैं। कुछ अलग क्यों नहीं।
और
अकेले अकेले क्यों मीट ऑर्गनाइज करते हैं।
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कुश जी धन्यवाद शिव जी को आपने चुना।
शिव भाई,
आपके शहर कलकता की
सबसे प्रिय बात
क्या लगती है आपको ?
- लावण्या
शिव बाबू जी का स्वागत है और इसी बहाने एक लम्बा इन्तजार खत्म होगा.
प्रश्न: शिव बाबू यह बतायें कि ब्लॉगर्स के संबंध में ऐसा कौन सा प्रश्न उनसे पूछा जा सकता है जिसका जबाब देने में उनके पसीने छूट जायेंगे और उसका जबाब वो क्या देंगे?
:)
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उपर नाम के साथ 'जी' अंग्रजी वाला G है, जेन्टलमैन के लिए प्रयुक्त!!
cahliye..main bhi shiv ji se poochhne ke liye sawaal ready karti hoon. intzaar hai somvar ka..
बहुत सही।
इंतजार रहेगा।
सवाल उनसे यह पूछा जाए "भद्रपुरुष ने अपनी याददाश्त में पिछली अभद्रता किससे, कब और क्यों की थी"?
खालिस आवारा बंदे का सवाल है यह ;)
हमारी नमस्ते बोल दे
धन्यवाद
.
कुश भाई..
इतने अच्छे गेट-अप में टिप्पणी बक्सा
हेरते हेरते अँखियाँ पथरा गयीं, शिव जी की बात है..
तो सवालवा तो पूछ कर ही जाऊँगा
वरना कहीं अपनी आँखों से ही हाथ न धोना पड़े !
पूछूँ .. ना पुछूँ.. फूँक सरक रही है..
भाई शिवकुमार जी.. बहुत बड़े बड़े तीर और तीरंदाज़ मारे हैं, लेकिन.. मेरी तो एक छोटी सी जिज्ञासा है,
जरा ये तो बताइये कि ऎसा कौन सा प्रश्न हो सकता है,
जिसे पूछने में..
मेरे जैसे मुरहे की सरक रही है.. बड़ी मुश्किल आन पड़ी है..
तो, सर .. आपको बताना है,
कि आख़िर ऎसा कौन सा यक्षप्रश्न है..
जो केवल आप पर ही लागू हो रहा है, और तुर्रा यह कि..
पूछा भी न जाये, बिन पूछे रहा भी न जाये
इंतजार रहेगा, शिवजी उर्फ जेंटलमेन से मुलाकात का.
मेरा तो यही प्रश्न है कि जब इनके साथ" मोहल्ला" वाले हँसी मजाक करते है ये दुखी हो जाते है ओर ब्लॉग पॉलिटिक्स का जिक्र करते है फ़िर ये ख़ुद एक २१ साल के लड़के से उलझते है उसकी कविता पर ,जबकि कविता के नाम पर ब्लॉग में ढेरो कूडा परोसा जा रहा है वहां आप कुछ प्रतिक्रिया नही करते , दूसरे ब्लोग्गर्स के साथ चिल पौ मचाते है ,पर अपनी आलोचना बर्दाश्त नही कर पाते है फ़िर एक दनदनाती पोस्ट लिखते है जिसमे केन्द्र फ़िर वही २१ साल का लड़का होता है क्यों ? २१ साल की उम्र में आत्म-मुग्धता की अपेक्षा की जा सकती है पर ४५ की उम्र में ?
आख़िर में कुश के एक सवाल क्या उनमे हिम्मत है गौरव सोलंकी की इंटरव्यू लेने की ?
आशा है ये सवाल पूछा जायेगा ओर टिपण्णी मोडरेट नही होगी.
मेरा सवाल: शिवजी, नये ब्लॉगरों को हिट पोस्टें देने के लिए क्या गुरुमंत्र देंगे? उत्तर में गीता का उपदेश नहीं चलेगा।
शिव के साथ व्यंगकार का टैग चिपक लिया है। वह दूर हो सकता है क्या?
जहा तक हमे पता चला है शिव कुमारजी कोटि के नही कोटा के है. सबसे पहले इसे सुधार ले , आजकल वो इस पर एक लंबी लेख माला भी लिख रहे है .कोटा से कोल कोटा तक,पाटिल से पोटा तक, बस चार छै डायरियो कि तलाश है जो कि खो गई है :)
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