नमस्कार दोस्तो..
जानता हू कॉफी क़ी महक कब से आ रही है.. पर कॉफी नही आ रही है.. आपको भी लग रहा होगा कि इतना टाइम क्यो लग रहा है.. अब क्या करे आचार सहिता लग चुकी है.. ऊपर से सारी पुलिस फोर्स नेताओ के पीछे लग गयी है.. इसी चक्कर में पल्लवी जी भी कही नज़र नही आ रही.. तो भैया जब आई पी एल पर गाज गिरने का चानस है तो कॉफी के बारे में क्या कहे..
फिर हमारे मेहमान भी तो दमदार है.. उनकी सिक्योरिटी का भी तो ख्याल करना पड़ता है..
खैर ये तो रही मस्ती मज़ाक वाली बात पर वाकई में थोड़ी देरी इस वजह से भी हो रही है कि डा. अमर कुमार जी जो की हमारे मेहमान है, उनकी माताजी का स्वास्थ कुछ दिनो से ठीक नही है.. इसलिए वे समय नही दे पा रहे है .. हमारी यही कामना है कि जल्द से जल्द उनकी माताजी का स्वास्थ ठीक हो और वे हमे समय दे..
नया ले आउट तो आ ही चुका है ज़रा बतलाते जाइए.. और किस तरह से सुधारा जा सकता है.. सुझाव तो आपके बनते ही है.. तब तक यदि आप कोई प्रश्न पूछना चाहते है या फिर कोई आइडिया देना चाहते है.. तो इसी पोस्ट पर टिप्पणी के रूप में दे सकते है.. आपके सभी सुझाव या सवाल इसी पोस्ट में शामिल किए जायेंगे.. मैं और डा. अनुराग बने रहेंगे आपके साथ.. आपकी किसी भी प्रकार के प्रश्नो का उत्तर देने के लिए और आपके सुझाओ का स्वागत करने के लिए..
तब तक के लिए नमस्कार
फर्स्ट लुक ऑफ़ काफ़ी विद कुश सीजन 2
Tuesday, March 17, 2009
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32 comments:
आतुर प्रतीक्षा है !
खतरनाक, उर्वर,युक्तियों का भण्डार तो तुम्हारा मस्तिष्क है,हम क्या आइडिया दें........बस बेसब्री से इन्तजार कर रहे हैं,तुम्हारे धमाल का...
नया ले आऊट अच्छा है। बस हमें तो प्रतीक्षा है। इसकी पहली पोस्ट की।
सबसे पहले इश्वर से प्रार्थना करते हैं की वो भाई अमर कुमार जी की माताजी को शीघ्र स्वास्थ लाभ दे...आज ही हम देखिये आपके ब्लॉग पर दिए इस लिंक पर क्लिक किये थे और वहां लिखा आया की इस काफी वाले ब्लॉग को खोलने की आपको अनुमति नहीं है और ये सिर्फ विशिष्ठ सदस्यों के लिए ही है...हम अपना सा मुहं ले कर आ गए...अब ये पोस्ट देख कर समझिये जान में जान आयी है...सुनते हैं की सब्र का फल मीठा...अब इतना सब्र किये हैं तो काफी कड़वी नहीं होगी ये निश्चित है...हाँ ठंडी जरूर हो सकती है...:))
नीरज
आपका आइडिया कभी अच्छा न हो यह हो ही नहीं सकता जी ..बस इंतजार है अब इस में आने वाले एपिसोड का
intezzar khatam karey aabhar hoga
नमस्ते! आइयेगा।
इन्तेहाss हो गयी, इन्तेज़ार कीssss
भाई इब तो घणी देर हो री सै. काफ़ी जरा गर्मा गर्म ही आण दो.
यो फ़िल्लम तो राजकपूर और कमाल अमरोही स्टाईल म्ह बण री सै?
रामराम.
Good Luck & God Speed Kush bhai & Anurag bhai ..
Hope डा. अमर कुमार जी की माताजी जल्दी से स्वस्थ होँ -
- लावण्या
इंतजार कर रही हूं ... उम्मीद है डा अमर कुमार जी की माताजी शीघ्र ही ठीक हो जाएंगी।
ek to intzaar itta lamba kara rahey hain us par coffee bhi black coffee!arrey kam se kam coffee with milk di hoti...layout aur template achcha hai.main Dr.Amar kumar ji ke bare mein nahin jaanti is liye meri tarf se koi sawaal nahin hai.
app ke season 2 se ho unko janenegey.
waise sach kahun to topic aur theme ke anusaar -templates bahut feeka sa lag raha hai..agar boundries thoda sa aur darker hoti to attractive lagta..
[yah koi serious desk nahin hai ..entertainment section hai is liye...rest aap ki wish..:)
Coffee sir.............hot coffee, dying to drink it.
आहा...कॉफी की महक अभी से आरही है!अब अमर जी का इंतज़ार है!उनकी माताजी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करती हूँ!
मौका पाते ही हम भी कुश की कॉफी की महक लेने आ जाते हैं... डॉ.अमर की माताजी के स्वास्थ्यलाभ की कामना करते हुए नए अन्दाज़ मे नए एपिसोड का इंतज़ार... शुभकामनाएँ
डा. अमर कुमार जी की माताजी जल्दी से स्वस्थ के लिये शुभकामानऎ, वो जलदी से ठीक हो जाये,
ईश्वर से प्रार्थना है कि अमर कुमार जी की माता जी जल्द अच्छी हो जाये,फ़िर फ़ुर्सत से चुस्की लेंगे की कुश की काफ़ी की।
चलो कुछ खबर तो आई
प्रतीक्षा की जानकारी के लिए धन्यवाद..लेकिन भारतीय रेल और भारतीय राजनेता की तरह अपने प्रशंसक को ज्यादा इंतजार मत करवाइये ..
अमर जी की माताजी का स्वास्थ्य जल्द ठीक हो जाए यही भगवान से प्रार्थना है ।
और आपकी काफ़ी का इंतजार है ।
डॉ० अमर जी की माता जी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की शुभकामनाए.....! नया ले आउट भी उत्तम..! आप और अनुराग जी ...! टोस्ट का तो टेस्ट ही कुछ और होगा...!बस भईया अब थोड़ा जल्दी करो...! :) :)
lay out is good.. just waiting for the guest.. and with coffee
bye
इंतजार है भाई. डॉक्टर साहब की माताजी के स्वस्थ होने की कामना है.
intzaar rahega .
भाइयों और बहनों, देवियों और सज्जनों,
कुश भाई अभी टैम लेंगे। ...तबतक आइए कुछ बतकही की जाय। छिपक्कली पर कुछ भी और सबकुछ कहने-सुनने का न्यौता है। वहाँ साइड बार में नीचे एक ऐसी बन्दूक है जिसमें गोला बारूद की जगह बिल्ली लोड होती है। जी हाँ बिल्ली, वही जो हम सबकी मौसी है। घोड़ा दबाते ही उछलकर कुलाँचे मारते हुए जाने कहाँ-कहाँ गिरती है। जाकर देखिए। टिप्पणी बक्सा आपकी कुछ भी कही सुनने के लिए आतुर है।
ओफ़ वो, पता बताना तो भूल ही गया। नोट कीजिए:
http://guptatmaji.blogspot.com
पूरा नाम: SURREPTITIOUS... छिपक्कली
एल्लो जी अभी उद्घोषणा ही चल रही है कॉफी एक्सप्रेस कहाँ अटक गयी है
aroma is irrestible....जल्दी करो
नई शुरूआत के लिए हार्दिक शुभकामनाऍं।
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तस्लीम
साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन
अरविन्द जी की पोस्ट से आपके बारे में विस्तार से जाना, कभी हमारे साथ भी कौफी हो जाये!
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