नमस्कार दोस्तो
कॉफी विद कुश के पहले एपिसोड में आपका स्वागत है.. उमीद है आपको पसंद आएगा.. आज के जो हमारे मेहमान है वो एक बहुत ही जाना माना नाम है.. उनकी ब्लॉग पे हम हमेशा से पढ़ते आए है कुछ गुदगुदाते व्यंग्य.. कुछ कविताए ...... कुछ संवेदनशील लेख....... जी हा दोस्तो मैं बात कर रहा हू.. मिस पल्लवी त्रिवेदी की..
नमसकार पल्लवी जी.. आपका स्वागत है कॉफी विद कुश के पहले एपिसोड में !
पल्लवी : नमस्कार कुश.. शुक्रिया आपका
मैं: आप कॉफी विद कुश की पहली गेस्ट है कैसा लगा आपको पहले एपिसोड में होना
पल्लवी: बहुत अच्छा लगा जी ...आपके गेस्ट और वो भी पहले। खुशी की बात है ब्लॉग जगत में ये अपने तरह का पहला एक्सपेरिमेंट है और इसका हिस्सा होना मुझे भी अच्छा लगा..
मैं: आप ब्लॉग्गिंग में कैसे आई ?
पल्लवी: किसी का ब्लॉग देखा था... अच्छा लगा तो अपना भी बना लिया
मैं : किसका देखा था, याद है ?
पल्लवी: हाँ..." अभी जीना बाकी है" नाम का एक ब्लॉग था! उसके अंदर क्या था अब ये याद नही है।
मैं: ये बताइए हिन्दी ब्लॉग जगत की सबसे बढ़िया बात क्या लगी आपको ?
पल्लवी: लगभग सभी विधाएँ पढ़ने को मिल जाती है..कविता हो, कहानी, संस्मरण, लेख ...मतलब सभी चीज़ें!
मैं: कहते है पुलिस वालो से दोस्ती अच्छी ना दुश्मनी क्या कहती है आप?
पल्लवी: ह्म्म...ये तो तुम डिसाइड करो
में: ना ना मैं अपनी बात नही कर रहा ...... सामान्यतया यही कहा जाता है॥
पल्लवी: पता नही क्यो कहते हैं.... दोस्ती क्यो बुरी? वो कभी समझ नही आया दुश्मनी का कारण तो समझ आता है
मैं: आप कितने टाइम से है ब्लॉग्गिंग में
पल्लवी: करीब चार महीने से
मैं: आपको किसे पढ़ना ज़्यादा अच्छा लगता है ? मेरा मतलब ब्लॉगर्स से है
पल्लवी: समीर जी ...अनुराग, पांडे जी, प्रत्यक्षा, डूबे जी और भी हैं कुछ
मैं: जैसे
पल्लवी: तुम भी
मैं: हा हा शुक्रिया.. मैं यही सुनना चाह रहा था
पल्लवी: मीत के सॉंग्स बहुत अच्छे लगते हैं
मैं : ब्लॉगिंग से जुड़ा कोई दिलचस्प अनुभव ?
पल्लवी: ह्म्म...सोच्ने दो..... अरे हा । ऐसे ही ट्रायल के लिए कोई बकवास सा गाना लिखकर पोस्ट किया था एक बार... सोचा था पोस्ट हो जाएगा तो देखकर हटा दूँगी.. पर पोस्ट करते ही नेट डिसकनेक्ट हो गया दो घंटे बाद वापस आया..वो गाना दो घंटे ब्लॉग पर रहा... ना जाने कितने लोगों ने देखा होगापर थॅंक गॉड .. कॅमेंट एक भी नही आया
मैं : वाह ये भी खूब रही
पल्लवी: गाना बताऊ कौन सा था ...?
मैं: जी ज़रूर
पल्लवी: मर्द टांगे वाला मैं हूँ मर्द टांगे वाला
मैं: हा हा वैसे ये गाना इतना भी बुरा नही
मैं: आपके ब्लॉग का नाम कुछ एहसास रखने की कोई खास वजह ?
पल्लवी: मुझे लगा की ब्लॉग में जो महसूस करती हूँ वही लिखूँगी तो कुछ एहसास से अच्छा क्या नाम होता
मैं: क्या आप किसी कम्यूनिटी ब्लॉग में भी है
पल्लवी: हाँ एक चोखेर बाली नाम के ब्लॉग में भी हूँ
मैं: कैसा लगता है वहा लिखना
पल्लवी : ह्म... अच्छा लगता है! आज की महिलाओं के लिए जो मैं सोचती हूँ... और एक महिला होने के नाते जो मैंरे विचार हैं ...वहा व्यक्त करती हूँ
मैं : आप हमारे पहले एपिसोड की पहली मेहमान है॥ और ये लीजिए आपकी पहली कॉफी तैयार है.. पल्लवी: थॅंक्स! नाइस कॉफी
मैं : आपकी पसंदीदा कॉफी कौनसी है
पल्लवी: केफे कॉफी डे की कॅपेचिनो और मेरे हाथ की नेस्केफे क्लॅसिक
मैं: ओह तो आप कॉफी भी बनाती है ?
पल्लवी: जी हाँ ...वो भी बहुत अच्छी
मैं: आप हमेशा से पुलिस में ही जाना चाहती थी
पल्लवी: नही ... कभी नही सोचा था वो तो एग्ज़ाम दिया और हो गया यू केन से डेस्टिनी
मैं: तो अब कैसा लगता है पुलिस में आकर क्या डेस्टिनी ने जो किया सही था ?
पल्लवी: अच्छा तो लगता है...लेकिन शायद अगले जन्म में मैं किसी नौकरी में नही आना चाहूंगी
मैं: कोई खास वजह?
पल्लवी: खास तो नही पर एक तरह की गुलामी लगती हैं मुझे... कुछ इनडिपेंडेंट वर्क करना ज़्यादा पसंद है मुझे॥
मैं: आप अभी भी तो छोड़ सकती है नौकरी
पल्लवी: ना॥ अभी मेरे पास कोई टॅलेंट नही है। नौकरी छूट गयी तो खाने के भी लाले पड़ जाएँगे
मैं: अरे टॅलेंट तो है ना॥ आप इतना बढ़िया लिखती है
पल्लवी: हे हे...इस से जिंदा नही रहा जा सकता॥
मैं: शादी कब कर रही है आप… फिर तो ये समस्या भी नही रहेगी
पल्लवी: ह्म्म...मुश्किल सवाल, पता नही
मैं: अभी आप करना नही चाहती ?
पल्लवी: नही ॥ ऐसा नही है। कोई मिल जाए तो कल कर लू
मैं:अभी तक कोई मिला नही या आपने ढूँढा नही
पल्लवी: सीरियस्ली ढूँढा भी नही... जो प्रपोज़ल आए तो मुझे लड़के पसंद नही आए
मैं: पुलिस वाले से ही करना चाहती है
पल्लवी: न॥ऐसा कुछ नही है॥
मैं:सुना है आपको सिंगिंग का भी शौक है और आप गिटार भी बजाती है
पल्लवी: हाँ है मैंने क्लॅसिकल सिंगिंग सीखी है.
मैं: किस उम्र में?
पल्लवी: कॉलेज में ....हाँलाकि अब छोड़े हुए काफ़ी साल हो गये हैं
मैं: कॉलेज लाइफ से जुड़ी कोई बातजो आपको अभी तक याद हो ।
पल्लवी: बहुत सारी हैं ॥एक बार हमारे कॉलेज में रोज़ डे मनाया गया .... सारे लड़के गुलाब के फूल लाने वाले थे... मंडला बहुत छोटा शहर था,,गुलाब ज़्यादा नही मिले तो आधे से ज़्यादा लोग गैंदा ले आए... गैंदा डे मन गया कभी किसी को देखा है...गैन्दे का फूल देते ?
मैं: आपको क्या मिला ? ग़ुलाब या गैंदा
पल्लवी: कुछ नही... मैं शायद किसी को प्रिय नही थी
मैं: कभी आपका भी कोई प्रिय रहा है ?
पल्लावी: नही॥ मेरा कोई ख़ास दोस्त भी कभी नही रहा
मैं: कोई खास वजह
पल्लवी: नही ॥वजह तो कुछ भी नही। कभी किसी से दोस्ती ही नही हुई
मैं: आपको बॅडमिंटन खेलना भी पसंद है
पल्लवी: हाँ॥
मैं: क्या कभी कोई प्राइज़ जीता है
पल्लवी: नही॥ कभी किसी कॉंपिटेशन में पार्ट नही लिया... ऐसे ही शौकिया खेलना अच्छा लगता है
मैं: आपकी एक पोस्ट थी बेशर्म की सॅंटी
पल्लवी: ह्म
मैं: सॅंटी के बारे में बताइए
पल्लवी: हा हा हा मत पूछो... स्कूल की सबसे डरावनी चीज़ थी सब बच्चे मार खाते थेमैं क्लास में बात बहुत करती थी घर पर भी कंप्लेंट्स आती थी
मैं: आप कैसी स्टूडेंट थी
पल्लवी: पढ़ने में तो अच्छी रही हमेशा
मैं: फिर तो आपके पेरेंट्स हमेशा खुश रहते होंगे
पल्लवी: हां ...खुश तो लगते थे
मैं: बचपन में क्या आप भी दूसरी लड़कियो की तरह थी या उनसे कुछ अलग महसूस करती थी?
पल्लवी: कुछ बातों में तो सचमुच अलग फील करती थी... जैसे मेरी बाकी फ्रेंड्स बाहर के काम जैसे बॅंक ,पोस्ट ऑफिस ,सब्ज़ी,किराना लाना या अकेले बस में सफ़र करना नही करती थी हमारा कोई भाई नही है... तो हम सारे काम खुद ही करते थे बहुत इनडिपेंडेंट फील होता था ।
मैं: क्या आप मानती है की आज की लड़किया ये सब काम कर लेती है आज की लड़किया ज़्यादा स्ट्रॉंग है
पल्लवी: हा॥बहुत हद तक अब तो लड़कियाँ सब करती है ..उन परिवारों की बात अलग है जहाँ आज भी माँ बाप लड़कियों को खाना बनाने तक सीमित रखते है
मैं: पल्लवी त्रिवेदी को क्या कहेगी आप ?
पल्लवी: खुशमिजाज़ इंसान जो अपने आसपास भी खुशियाँ फैलने की कोशिश करती है
मैं : आपकी पसंदीदा रचना कोई जो आपने ही लिखी हो:
पल्लवी: अगेन टफ क्वेस्चन
फिर भी एक मुझे हमेशा से प्रिय है॥ वही सुना देती हू..
काश कभी ऐसा हो तुम और मैं डेट पर चलें...
दो रंगीन पतंगों पर बैठकर आसमान पे चलें
किसी बादल से लिफ्ट ले लें और
पैर लटकाकर उस पर बैठें फलक की सैर करें
उसके बाद चाँद की चटाई पर थोडा सुस्ताएं
और मुट्ठी भर भर कर तारों के चने खाएं...
सर्दी लगने लगे तो सोते हुए सूरज से चुपचाप
कुछ अंगारे उठा लायें अपने हाथ सेक लें...
रात भर हवाओं का मीठा गीत हम सुनें
और जब सुबह की ओस से चाँद गीला होने लगे
तो हम भी सूरज की किरणे पकड़कर
वापस अपनी छत पर उतर जाएं॥
काश कभी हम डेट पर जाएं...
मैं : वाह मैने पहली बार आपके ब्लॉग पर यही पढ़ी थी॥ बहुत बढ़िया ख्याल है..
पल्लवी : शुक्रिया कुश.. ये मेरा एक सपना है.. जिसे मैं जीना चाहती हू
मैं :पल्लवी जी काफ़ी कुछ पता चला आज आपके बारे में॥ चलिए अब एक रॅपिड फायर राउंड शुरू करते है॥ आप इन दोनो में से एक चुनिएगा
मैं :
आन्नद- पड़ोसन
पल्लवी: फॉर मी ॥पड़ोसन
मैं: जगजीत सिंह - फरीदा ख़ानम
पल्लवी: जगजीत
मैं: हरिशंकर परसाई - सिवाजी सावंत
पल्लवी: हरिशंकर
मैं: शिवपुरी – भोपाल
पल्लवी: फुल वीक भोपाल ॥ वीकेंड शिवपुरी
मैं: एक चुनिए
पल्लवी: भोपाल
मैं: एकता कपुर - बाबा रामदेव
पल्लवी : सीरियस्ली दोनो में से कोई नही
मैं : हा हा ! अच्छा जवाब
मैं: और अब एक महत्वपूर्ण सवाल हू इस बेटर होस्ट ?
कुश - करण
पल्लवी: हे हे... ऑवियस्ली कुश... स्मार्टर देन करण तभी तो अपनी तारीफ कराने के लिए ये क्वेस्चन पूछा ।
मैं : हा हा शुक्रिया
मैं :काफ़ी बढ़िया जवाब रहे आपके॥ अब चलते है वन लाइनर राउंड की तरफ॥ मैं एक शब्द दूँगा आपको एक लाइन में उसे डिस्क्राइब करना है..
मैं: चोखेर बाली -
पल्लवी: ऐश्वर्या राय और रायमा सेन की फिल्म डाइरेक्टेड बाइ रितुपर्णो घोष
मैं: हहा अनएक्सपेक्टेड आन्सर फिर भी बढ़िया
पल्लवी: हा हा शुक्रिया
मैं: राखी सावंत -
पल्लवी: ब्रेकिंग न्यूज़
मैं: एम टीवी रोडीस -
पल्लवी: कुछ फालतू औट बेवकूफ़ लोगो का जमघट
मैं: भोपाल पुलिस -
पल्लवी: बेस्ट ऑफ बेस्ट
मैं: हिन्दी ब्लॉगिंग-
पल्लवी: बेटर दॅन इंग्लीश ब्लॉग्गिंग
मैं : ओर्कूट
पल्लवी: मेरी कविता की शुरुआत
मैं: कुश -
पल्लवी: अच्छी कॉफ़ी पिलाता है
मैं : अंत में आप ये बताइए की हिन्दी ब्लॉग्गिंग का भविष्य कैसा है क्या लगता है आपको ?
पल्लवी: अभी तो उज्ज्वल दिखता है...क्योकि जो लोग स्थापित हैं उन्हे तो सब पढ़ते थे...लेकिन नये लोगों के लिए तो बहुत अच्छा प्लॅटफॉर्म है
मैं : चलिए बहुत अच्छा लगा पल्लवी जी आज आपसे बात करे॥ कॉफी विद कुश के पहले एपिसोड को आपकी उपस्थिति ने यादगार बना दिया.. आशा है आप को भी पसंद आया होगा॥
पल्लवी : शुक्रिया कुश मुझे यहा बुलाने के लिए.. मुझे भी बेहद खुशी हुई है कॉफी विद कुश का हिस्सा बनकर.. मेरी शुभकामनाए आपके साथ है..
मैं : जाने से पहले ये लीजिए एक गिफ्ट हॅमपर हमारी तरफ से ऑल द बेस्ट.. और ये एक गैन्दे का फूल॥
पल्लवी : शुक्रिया कुश.. बहुत बहुत शुक्रिया
तो दोस्तो ये था हमारा आज का कॉफी विद कुश का पहला एपिसोड बताएगा ज़रूर कैसा लगा आपको॥ तैयार रहिएगा अगले एपिसोड में फिर मिलवाएँगे हम आपको अपने ही बीच के एक ब्लॉगर से॥ तब तक के लिए अलविदा..
51 comments:
हा हा हा
अच्छा.. स्मार्ट व विटी
मंडला में रोजडे, गेंदा डे कुछ भी मन गया ये हैरान करने की बात हे... जो मंडला हमें याद है वो तो बड़ा उदासीन शहर था।
vaer good hai sirji...Karan Johar ab kya karenge?
bahot badhiya kushbhai aur pallavi jee...interview mazedar raha...
aur haan...rakhi sawant-->breaking news-->india tv...ab kaisa raha?
शुरुआत तो धमाकेदार रही... बधाई. ! टिपण्णी में से वर्ड वेरीफिकेशन हटा दीजिये.. नहीं तो समीर जी आ ही रहे होंगे :-) पल्लवी जी के बारे में रोचक जानकारीयां मिली. मजेदार !
वाह कुश जी आपने कमाल कर दिया। हिन्दी ब्लॉग जगत में अपनी तरह की अनूठी और योजनाबद्ध शुरुआत..प्रश्नों का स्तर भी अच्छा था। पल्लवी जी के उत्तर भी प्रभावी थे...बधाई।
***राजीव रंजन प्रसाद
कई जगह जवाब सवालों से दूर रहे। कई स्थान पर पास पास। गुलाब और गेंदे के फूल एक ही पोस्ट पर।
काफ़ी विद कुश बढ़िया :)..कुश जी के सवाल पल्लवी जी के बारे में जानना सब बहुत रोचक रहा ..पहली शुरुआत ही बहुत बढ़िया रही ..बधाई और शुभकामनाएं
waah!!
mast hai sir jee!!!
u guys rock !!!!
WAH..MAZA AA GAYA PALLAVI KA INTERVIEW....
शानदार idea. शुरुवात भी अच्छी रही। पल्लवी जी ओर करीब से जानने का मोका मिला।
बहुत बढिया रहा ये पहला पोस्ट..
लगे रहें..
अब तो दो ब्लौग हो गये हैं अपने चिट्ठाकारी मित्रों को जानने के लिये.. एक शब्दों का सफर और दूसरा आपका..
बहुत बढिया..
बेहद सराहनीय शुरुआत
अच्छा ध्यान खींचती है यह परिचय की तकनीक! बहुत जमी। आगे भी उत्सुकता बनी रहेगी।
अपने आप मे एक नया प्रयास ,नई सोच ,ब्लोगर्स जगत के लोगो को जानने का ओर अच्छा प्रयास ,बकलम ख़ुद भी एक अच्छा प्रयास है ,खट्टे मीठे सारे अनुभव एक साथ हो गए ,पल्लवी को जानते तो थे की पुलिस विभाग मे एक सवेंदनशील शख्सियत वाली साहेब है .....पर गिटार....जानकर अच्छा लगा.....उनकी सोच उनके लिखे मे झलकती है.....बधाई.......
बहुत अच्छी शुरुआत है. उम्मीद है और भी लोगों को जानने का मौका मिलेगा.
achchha dilchasp khayaal hai.Achchhii shuruat hai.Umeed hai aagay aur bhi dilchasp sawaal - jawaab honge...
shubhkamnayein...
कॉफ़ी हैड ग्रेट टेस्ट, रिच अरोमा एंड रीयल किक. हैड एवरी थिंग टू मेक एवरीवन एडिक्टेड...
क्या बात है, तुसी छा गए जी पहले ही एपिसोड में. बढ़िया सवाल जवाब.
bahut he mast
नई पहल बेहद अच्छी लगी। अकसर ऐसा होता कि अपने ब्लॉग पर लिखते वक्त लेखक खुद के यादगार लमहों को भी उतनी तवज्जो नहीं देता वो हमेशा समष्टि को ध्यान में रखता है। अपने बारे में लिखते वक्त शायद संकोच कर जाता है...(अगर आत्मकथा न हो तो)। आपके जरिए अब उस ब्लागर की व्यक्तिक सोच और निजी अनुभूतियों को जानने का भी मौका मिलेगा। प्रश्नों के चयन में मनोरंजकता के साथ इस बात का समावेश अधिक किया जाए तो...शायद...अधिक अपयोगी हो। बधाई।
कमाल है सरजी ! पहले ही ऎपिसोड में छा गए ! पल्लवी जी से मिलना भी खूब रहा !
बहुत खूब,
बढिया रहा, आगे भी इन्तजार रहेगा ।
बहुत ही सराहनीय है ये शुरुआत. ब्लोग्गर्स को नजदीक से जानने की एक बहुत अच्छी जगह मिल गयी.
पल्लवी जी के जवाब भी अति उत्तम.खासकर चोकर बाली के बारे में.
Dear Friends,
लेकिन
जिसने नहीं छोडा साथ
कान्हा का,
जिसने हर पल किया
उसको याद ,
वो मीरा थी...
This is from my latest peom on Meerabai, showing her love for krishna n her devotion, please visit my blog at http:/neelimagujarkar.blogspot.com and give ur comments on it.
Ths coffee wth kush is really gud.
Neelima
कुश जी , पल्लवी जी
दोनोँ का साझा प्रयास बहोत पसँद आया -
खास करके रेपीड फायर राउन्ड - हाजिरजवाबी देखते बन पडी :)
चलिये आगे भी इँतज़ार रहेगा ..
बहोत अच्छे ..
स्नेह,
लावण्या
वाह जी, बहुत ही बेहतरीन रहा पहला एपिसोड. होस्ट के साथ साथ पहला गेस्ट भी बहुत अच्छा चुना. आनन्द आ गया. जारी रखो.
अनेकों शुभकामनाऐं.
शुक्रिया कुश...अपना interview पढना अच्छा लगा!
that was simply cool interview,bahut hi mast,pallavi ji aapko badhai pehli guest ban jane ke liye aur bahut achhe anubhav share karne ke liye bhi,kush ji ko khas badhai naye sundar blog ke liye
बहुत बढ़िया रही पहली पेशकश । आइडिया भी पसंद आया । एकदम लाइव...
बधाई कुश, बधाई पल्लवी...पहली गेस्ट बनने की।
कुश तुमने खुश किया...
हमने खूब आनंद लिया..
पल्लवी को प्यार..
तुम्हे आशीर्वाद ..!
अनूठा, रोचक और अपने आप में नया प्रयास सफल हो यही कामना करते हैं ....
बहुत बढ़िया रहा पहला एपिसोड। बस ऐसे ही जमाए रहिए।
आप सभी महानुभावो का हार्दिक धन्यवाद... जब ये शुरू करने का विचार बनाया था तो थोड़ी सी झिझक थी परंतु आप सभी की प्रतिक्रियो को देखकर उत्साह और दुगुना हो गया.. ऐसे ही प्यार बरसाते रहिए.. साथ ही आप सभी के सुझाव भी आमंत्रित है..
पल्लवी जी का आभार जिन्होने मुझे अपना अमूल्य समय दिया.. जिस कारण ये कॉफी विद कुश का पहला एपिसोड सफल हो सका..
एक बार फिर आप सभी ब्लॉगर मित्रो को मेरी ओर से हार्दिक धन्यवाद...
अरे!! मैं तो चूक गया, टिपाी देने से.. सवाल ही नहीं उठता, डीएसपी से काफी विद कुश की पहली शुरुआत और मैं कमेंट ना करूं.. हो नहीं सकता।
कुश जी ने जितना अछा प्रश्न पूछा, उससे बेहतर जवाब पल्लवी जी ने दिया। गिटार, पहली कविता, गैंदे का फूल.. बेहतरीन।
सबसे बढि़या है यह आईडिया, लाजवाब। कुश आपको बहुत बाईयां।
वाह कुश ये तो बहुत ही अच्छी शुरुआत की है। और पल्लवी के बारे मे भी बहुत कुछ जानने को मिला।
वैसे हम एक दिन लेट ये एपिसोड देख रहे है। :)
भई मज़ा आ गया । बहुत अच्छा लगा ! पल्लवी के लेख और समझ के तो हम पहले ही मुरीद हैं अब अन्दाज़ के भी हो गये हैं !
धमाकेदार शुरुआत जारी रखियेगा कुश जी !
ek nayee saarthk shuruvaat
badhaaii
kya baat hai ab to 2-2 jagah ho gayi hindi blogaron ko janane ki.sadhuwad
कुश जी
पहली बाल पर छक्का ...सच कहा आप ने .नयी सोच और बेहतरीन प्रस्तुति....लगा आई.पी.एल का फाइनल देख सुन रहे हैं.... दिलचस्प. बहुत बहुत बधाई.
नीरज
कुश तुमने कर दिया दिल खुश ।
अब ना तो चलेंगे मुश
और ना चाहेंगे बुश ।
कुश इसी तरह इस सीरीज को
करते रहो पुश ।
वेरी गुड । हम ज़रा देर से आए ।
बिजियाए हुए थे ।
भाई बहुत ही जबरदस्त रहा ये इंटरविउ.
नीरज भइया ने सही कहा पहली ही बाल पर छक्का मार दिया.
चलिय इंतजार रहेगा आगे का.
भाई कुछ आपने तो कमाल का साक्षात्कार लिया है बधाई।
हमने भी पिछले साल प्रतीक भाई का एक छोटा सा साक्षात्कार लिया था, समय मिले तो देखना :) हम तो साक्षात्कार कारवां बढ़ा न सकें आप कर रहे हो ढे़रो शुभकामनाऐं
आगे की कडि़यों का इंतजार करूँगा।
http://pramendra.blogspot.com/2007/03/blog-post_12.html
बहत खूब। मजेदार सवाल, बेहतरीन जबाब। कुल मिलाकर सब लाजबाब!
काश कभी ऐसा हो तुम और मैं डेट पर चलें...
दो रंगीन पतंगों पर बैठकर आसमान पे चलें
किसी बादल से लिफ्ट ले लें और
पैर लटकाकर उस पर बैठें फलक की सैर करें
pallavi aapki is kavta ne dusre lok ki sair kara diya....shukriya
sarahniya shuruaat...
aur aage badhe..aur diggajo ko aapke hotseat par bithaaye..
aur ham bahut saare bloggers ko aur kareeb se jaan paaye...
best of luck...
interview lete rahe!!!!
bahut khoob... is daudti bhaagti duniya mein kuch pal aaraam se kisi se milne ke...bas waisa hee kuch aanand aaya...
Hamari shuhbhkaamnayein aage ke liye...
Bahut shaandaar shuruaat...bilkul naya idea...
bhai, kamaal kar diya Kush. waah!
लगतार टिप्पणिया मिलती जा रही है.. आप सभी के ई मेल भी मिले बहुत अच्छा लगा.. आप सभी ने जो मेरा हौंसला बढ़ाया है उसके लिए एक बार फिर आप सभी ब्लॉगर मित्रो को मेरी ओर से हार्दिक धन्यवाद...
wah ji wah!!!
bahut achcha laga aap ka pahla episode!
pallavi ji aur kush ko bahut bahut badhayee aur---hindi blog jagat ko ki yahan aise experiment rochkta banaye rakhenge---shubhkamnayen!
एक सार्थक काफ़ी,
अब रोज़ पीनी पड़ेगी ।
बहुत सही शुरुआत की है, आपने !
realy nice.
---
ultateer
kya bat hai ji maja aa gaya badhai kush ji n thanks to pallavi ji for remembering doobeyji ek naya blog start karen BUSH EK BHAYANAK KHAYAL
aapka achca prayaas hai kush jee
pasanad aaya, lekin aap ye karte kaise hain. phone par ya chat par ya kuchh aur tareeka aapne khoj rakha hai
Prashant dubey
Bhopal
9425026331, 0755-4252789
atmadarpan.blogspot.com
Post a Comment