ब्लॉग जगत में पहली बार आ रहे है अनोनामस जी


नमस्कार मित्रो,

कॉफी विद कुश में अब तक आप मिल चुके है ब्लॉग जगत के कई ऐसे जाने माने ब्लॉगरो से जिनके नाम से सभी परिचित है.. मगर ये हमारा सौभाग्य है की पहली बार आ रहे है 'कॉफी विद कुश' के इतिहास में एक ऐसे ब्लॉगर जिनसे परिचित तो सब है मगर नाम कोई नही जानता .. जी हाँ दोस्तो इस सोमवार हम मिलवाने वाले है आपको "यत्र तत्र सर्वत्र" पाए जाने वाले ब्लॉगर "अनोनामस जी" से ..

और हा एक और बात ये अनोनामस जी ब्लॉग जगत के कई राज़ भी खोलने वाले है.. तो बस दिल थाम के बैठ जाइए..

नोट : आप भी पूछ सकते है अनोनामस जी से सवाल..

21 comments:

बालकिशन said...

वाह जबरदस्त आइडिया है.
इंतजार कर रहें है.

शोभा said...

जिसका नााम नहीं पता उनसे क्या पूछें ?

चाणक्य said...

मस्त रहेगा यह एपिसोड . सत्य की खोज कहूँ इसे ?

Anonymous said...

एनानिमस जी से मेरा सवाल यह है कि वे एनानिमस बनकर कमेन्ट क्यों करते हैं?

rakhshanda said...

दिल की धड़कनें क्यों बढ़ा रहे हैं कुश...इंतज़ार इंतजार कब तक?

vipinkizindagi said...

इंतज़ार करते हैं....

नीरज गोस्वामी said...

रे ताऊ तू कुन से?

रंजू भाटिया said...

अनोनामस जी आपका नाम क्या है? क्या वह अच्छा नही है जिसको बताने से आप डरते हैं ? :)

PD said...

vaah sir ji..
aap anamdas ji ko kyon nahi laate hain?? :)

Arun Arora said...

बढिया जी हमारे पास भी इनके कई प्रेमपत्र पडे है , पढवाते है किसी दिन आपको :)

Arun Arora said...

यारा ओ यारा
काफ़ी का मारा
मै बेनाम हो गया . . . .

Gyan Dutt Pandey said...

अपने ब्लॉग पर तो इन सज्जन की टिप्पणी काफी समय से डिस-अलाऊ कर रखी हैं। पर इनसे मुलाकात की प्रतीक्षा रहेगी। देखते हैं कैसा है चेहरा? शायद हमें पहचानते हों या हम इन्हें पहचानते हों!:)

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

आप नकाब के पीछे से
इस दुनिया का असली चेहरा
देख पाते हैँ क्या ?
और दुनिया और अपने आप को
किस तरह जुडा हुआ पाते हैँ ?
बताइये "एनोनीमस जी "
- लावण्या

Manish Kumar said...

अगर आप अनामदास की बात कर रहे हैं तो उनका नाम हमें पता है :)

cartoonist ABHISHEK said...

मैं भी उत्सुक हूँ...
इस 'महान' आत्मा के
बारे में जानने के लिए...

राज भाटिय़ा said...

मे तो आरती उतारु रे...
एनानिमस दास जी की..
जय जय एनानिमस दास जय जय..
जल्दी लाओ इस ने तो आधा नही पुरा दिमाग खराब कर दिया हे, बीबी भी इतना दिमाग नही खाती जितना इस ने खाया हे.

Anonymous said...

कॉफी पीने का पहला निमंत्रण पल्लवी को मिला तो अब कायदे से एनॉनिमस ब्लॉग़र घुघुतीजी ही हो सकती हैं...सोचा हम भी एनॉनिमस होकर ही यह खुराफ़ात कर दें...बेसब्री से उनका इंतज़ार है !

Pramendra Pratap Singh said...

intzar rahega

अजित वडनेरकर said...

विचित्र किंतु सत्य किस्म के जीव होंगे।

Ashok Pandey said...

अनोनामस जी अपना नाम बताने से डरते क्‍यों हैं? टिप्‍पणियां टाइप करते हैं, होंगे तो इंसान ही। फिर इतना डर क्‍यों? अंदर डर ही है तो ब्‍लॉग-स्‍लॉग के चक्‍कर में क्‍यों पड़ते हैं? खैर, जो भी हो, मेरा उन्‍हें नमस्‍कार है।

Udan Tashtari said...

सर से जरा नकाब हटाओ, मेरे हुजूर!! चेहरा दिखाई के लिए कितनी टिप्पणी लगेगी. कभी घुटन भी तो होती होगी बुरका पहने पहने??

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